Chalisa Arti Paath & Stuti Mantra & Japa Vart & Katha Festivals Dharmik Blog

Shri Raghuvara Ji Ki Arti

आरती कीजै श्री रघुवर जी की,
सत् चित् आनन्द शिव सुन्दर की।

दशरथ तनय कौशल्या नन्दन,
सुर मुनि रक्षक दैत्य निकन्दन।
अनुगत भक्त भक्त उर चन्दन,
मर्यादा पुरुषोतम वर की।

आरती कीजै श्री रघुवर जी की||...2

निर्गुण सगुण अनूप रूप निधि,
सकल लोक वन्दित विभिन्न विधि।
हरण शोक-भय दायक नव निधि,
माया रहित दिव्य नर वर की।

आरती कीजै श्री रघुवर जी की||...2

जानकी पति सुर अधिपति जगपति,
अखिल लोक पालक त्रिलोक गति।
विश्व वन्द्य अवन्ह अमित गति,
एक मात्र गति सचराचर की।

आरती कीजै श्री रघुवर जी की||...2

शरणागत वत्सल व्रतधारी,
भक्त कल्प तरुवर असुरारी।
नाम लेत जग पावनकारी,
वानर सखा दीन दुख हर की।

आरती कीजै श्री रघुवर जी की||...2
|| इति संपूर्णंम् ||


श्री रघुवर जी की आरती का महत्व

श्री रघुवर आरती का सारांश, प्रभाव, और आध्यात्मिक लाभ

आरती का सारांश:

श्री रघुवर आरती भगवान राम (रघुवर) की पूजा में गाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण भक्ति गीत है। इस आरती में भगवान राम के अद्वितीय गुणों और उनके भक्तों के प्रति उनकी कृपा का वर्णन किया गया है। यहाँ पर आरती के मुख्य बिंदुओं का सारांश है:

भगवान राम का दिव्य स्वरूप

"आरती कीजै श्री रघुवर जी की, सत् चित् आनन्द शिव सुन्दर की।" - भगवान राम के दिव्य स्वरूप की आरती की जाती है, जो सत्य, चित्त, आनंद, शिव और सुंदरता से युक्त हैं।

भगवान राम की उपासना और उनके गुण

"दशरथ तनय कौशल्या नन्दन, सुर मुनि रक्षक दैत्य निकन्दन।" - भगवान राम दशरथ के पुत्र और कौशल्या के नंदन हैं। वे देवताओं और ऋषियों के रक्षक तथा दैत्यों के संहारक हैं।

"अनुगत भक्त भक्त उर चन्दन, मर्यादा पुरुषोतम वर की।" - भगवान राम भक्तों के हृदय में चंदन के समान निवास करते हैं और वे मर्यादा पुरुषोत्तम (धर्म के पालनकर्ता) हैं।

भगवान राम के गुण और शक्ति

"निर्गुण सगुण अनूप रूप निधि, सकल लोक वन्दित विभिन्न विधि।" - भगवान राम निरगुण (गुणों से परे) और सगुण (गुणों से युक्त) दोनों रूपों में हैं और सभी लोकों द्वारा पूजनीय हैं।

"हरण शोक-भय दायक नव निधि, माया रहित दिव्य नर वर की।" - वे शोक और भय को हरने वाले, नौ निधियों के स्वामी, और माया से रहित दिव्य पुरुष हैं।

भगवान राम का सर्वव्यापी स्वरूप

"जानकी पति सुर अधिपति जगपति, अखिल लोक पालक त्रिलोक गति।" - भगवान राम जानकी के पति, देवताओं के अधिपति और सभी लोकों के पालक हैं। वे त्रिलोकी के गति (स्वामी) हैं।

"विश्व वन्द्य अवन्ह अमित गति, एक मात्र गति सचराचर की।" - भगवान राम विश्व द्वारा वंदित हैं और उनकी गति (मार्ग) अनंत है, वे सृष्टि के सभी चर और अचर रूपों के स्वामी हैं।

भगवान राम की भक्तवत्सलता

"शरणागत वत्सल व्रतधारी, भक्त कल्प तरुवर असुरारी।" - भगवान राम शरणागत वत्सल (शरणागत भक्तों के प्रति दयालु) और व्रतधारी हैं। वे भक्तों के लिए कल्पवृक्ष (सपनों को पूरा करने वाले) हैं और असुरों के संहारक हैं।

"नाम लेत जग पावनकारी, वानर सखा दीन दुख हर की।" - भगवान राम का नाम लेने से संसार पवित्र हो जाता है और वे वानर सेना के साथी और दीन-दुखियों के हरक हैं।

श्री रघुवर आरती का प्रभाव:

धार्मिक और मानसिक शांति

श्री रघुवर आरती से भक्तों को मानसिक शांति और धार्मिक शांति प्राप्त होती है। भगवान राम की आरती गाने से भक्तों के मन में स्थिरता और संतुलन आता है।

विघ्नों का नाश

भगवान राम की आरती से जीवन में आने वाली बाधाओं और समस्याओं का नाश होता है। आरती में भगवान राम के गुणों और शक्तियों की स्तुति की जाती है, जो विघ्नों को दूर करने में सहायक होती है।

सामाजिक और व्यक्तिगत सुख

आरती के माध्यम से भक्तों को सामाजिक और व्यक्तिगत सुख प्राप्त होता है। भगवान राम की पूजा और आरती से जीवन में सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है।

श्री रघुवर आरती का आध्यात्मिक लाभ:

आध्यात्मिक उन्नति

श्री रघुवर आरती से भक्तों की आध्यात्मिक उन्नति होती है। भगवान राम की आरती से भक्ति और समर्पण की भावना में वृद्धि होती है।

आशीर्वाद की प्राप्ति

आरती के नियमित पाठ से भगवान राम के आशीर्वाद की प्राप्ति होती है, जिससे जीवन में सफलता, शांति, और समृद्धि प्राप्त होती है।

भक्ति और समर्पण

श्री रघुवर आरती से भक्तों की भक्ति और समर्पण में वृद्धि होती है। भगवान राम की पूजा और आरती से भक्तों को धर्म और भक्ति के मार्ग पर चलने की प्रेरणा मिलती है।

सारांश में:

श्री रघुवर आरती भगवान राम के दिव्य गुणों और उनके भक्तों के प्रति उनकी कृपा का वर्णन करती है। यह आरती धार्मिक शांति, विघ्नों का नाश, और आध्यात्मिक उन्नति को सुनिश्चित करती है। भगवान राम की आरती से भक्तों को आशीर्वाद, सुख, और समृद्धि प्राप्त होती है।

यहां से आप अन्य पेज पर जा सकते हैं:


Rahu Dosh

राहु के प्रभाव और उसके उपायों के बारे में जानें


शनि की साढ़े साती का प्रभाव

जानें कैसे राशियां इन कठिन चरणों से गुजर रही हैं।


क्या हनुमान जी आज भी हमारे बीच हैं?

उनकी अमरता का ऐसा रहस्य जिसे जानकर आप हैरान रह जाएंगे।


काल भैरव मंदिर, वाराणसी (उत्तर प्रदेश)

जानें वाराणसी का वह दिव्य स्थल, जहां हर मनोकामना पूर्ण होती है।


काल भैरव मंदिर, उज्जैन (मध्य प्रदेश)

जानें उज्जैन का रहस्यमय कोतवाल और अद्भुत धार्मिक स्थल


Mahakumbh 2025

इस पवित्र संगम में स्नान कर जानिए मोक्ष का मार्ग, संतों का आशीर्वाद और इस आयोजन की आध्यात्मिक गहराई।

नवंबर और दिसंबर 2024 में विवाह के लिए शुभ मुहूर्त

शादी की तारीख तय करने से पहले पढ़ें!